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2008 से जब आईपीएल की शुरुआत हुई थी, तब एक युवा खिलाड़ी विराट कोहली को रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) ने अपनी टीम में शामिल किया था। तब शायद किसी ने नहीं सोचा था कि यह नौजवान एक दिन RCB का चेहरा बन जाएगा, और करोड़ों फैन्स की उम्मीदों का केंद्र भी।
शुरुआत में संघर्ष, फिर विश्वास की नींव
2008 से 2012 तक RCB ने कई शानदार प्रदर्शन किए, लेकिन ट्रॉफी से हमेशा कुछ कदम दूर रह गए। विराट कोहली ने अपने बल्ले से टीम को कई बार संभाला, और 2013 में उन्हें कप्तानी की ज़िम्मेदारी मिली। उन्होंने युवाओं को मौका दिया, टीम को नई दिशा दी, लेकिन किस्मत हमेशा साथ नहीं आई।
2016 का साल: ट्रॉफी के सबसे करीब
2016 विराट कोहली के करियर का सर्वश्रेष्ठ आईपीएल सीज़न था। उन्होंने एक सीज़न में 973 रन बनाकर इतिहास रच दिया। RCB फाइनल तक पहुंची, लेकिन हार का सामना करना पड़ा। उस हार ने विराट और उनके फैन्स के दिलों में एक खालीपन छोड़ दिया।
2021 में कप्तानी से इस्तीफा, लेकिन टीम से नहीं
2021 में विराट कोहली ने RCB की कप्तानी छोड़ दी, लेकिन उन्होंने कभी टीम का साथ नहीं छोड़ा। वह मैदान पर हमेशा जुनून और जज़्बा लेकर उतरते रहे। हर सीज़न RCB के लिए उन्होंने पूरा दिल लगाया, चाहे कप्तान रहे हों या नहीं।
2025: इंतज़ार हुआ खत्म, सपनों की जीत
18 साल के लंबे इंतज़ार के बाद, 2025 में RCB ने आखिरकार आईपीएल ट्रॉफी जीत ली। इस ऐतिहासिक जीत में विराट कोहली की भूमिका एक बार फिर अहम रही। उन्होंने ना सिर्फ अनुभव से टीम को गाइड किया, बल्कि बड़े मैचों में जिम्मेदारी उठाकर टीम को जीत की ओर बढ़ाया।
RCB vs PBKS फाइनल 2025
फाइनल में जब RCB ने पंजाब किंग्स को हराया, पूरा स्टेडियम “आरसीबी! आरसीबी!” के नारों से गूंज उठा। विराट की आंखों में आंसू थे — ये आंसू दर्द के नहीं, बल्कि जीत के थे। एक सपना जो अधूरा रह गया था, आखिरकार पूरा हो गया।
फैन्स के लिए एक इमोशनल पल
विराट कोहली और RCB के लिए यह जीत सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं थी, यह भावनाओं, संघर्षों और समर्पण की जीत थी। 18 सालों का इंतज़ार, हज़ारों सवाल, आलोचनाएं, लेकिन कोहली ने हार नहीं मानी। और उनके फैन्स ने भी।